ज़िंदगी और मौत की जंग: इंदौर की सड़कों पर मिले अजय की मार्मिक कहानी

 

💔 ज़िंदगी और मौत की जंग: इंदौर की सड़कों पर मिले अजय की मार्मिक कहानी

नमस्ते दोस्तों,

दीपावली की चमक और रौनक के बीच, इंदौर की सड़कों पर एक ऐसी घटना हुई जिसने मानवता को फिर से जिंदा कर दिया। यह कहानी है 10 साल के अजय की, जो सड़क किनारे बेसुध मिला था। अजय की यह कहानी बताती है कि जब उम्मीद टूट जाती है, तब भी समाज की सेवा और प्रेम किसी चमत्कार से कम नहीं होते।


🚨 सड़क पर मिली ज़िंदगी की जंग

महाकाल संस्था के सेवादारों—पंडित जय्यू जोशी, करीम पठान और अजय नागदा—ने मूसाखेड़ी चौराहे के पास अजय को सड़क किनारे पाया। अजय बेसुध था, शरीर सूजा हुआ था, और उसकी ज़ुबान पर बस एक ही शब्द था: "माँ।"

बिना एक पल गंवाए, सेवादारों ने उसे एमवाय (MY) अस्पताल पहुंचाया। डॉक्टरों ने जब जाँच की, तो सबके पैरों तले ज़मीन खिसक गई—अजय की दोनों किडनी फेल हो चुकी थीं।

🩺 फ़रिश्ता बने सेवादार और स्टाफ

अजय के इलाज के साथ-साथ, संस्था के सदस्यों ने उसके परिवार को ढूँढने की ठानी। अजय पिता के निधन के बाद डिप्रेशन में था और अपनी माँ के जाने की बात ही दोहरा रहा था। दादी विकलांग थीं और परिवार के बाकी लोग अलग रहते थे।

  • 10 दिन में 5 बार डायलिसिस होने के बावजूद, अजय लड़ता रहा।

  • संस्था के सेवादार और नर्सिंग स्टाफ अजय के असली परिवार बन गए। उन्होंने दिन-रात उसकी सेवा की, उसे प्यार और दुआओं से संभाला।

  • वे जानते थे कि अजय को इलाज से ज़्यादा भावनात्मक सहारे की ज़रूरत है।

✨ चमत्कार और माँ की ममता

जब उम्मीदें लगभग ख़त्म हो चुकी थीं, तभी एक चमत्कार हुआ। आज़ाद नगर थाने के कांस्टेबल राहुल सिंह ने अजय की फोटो देखी और तुरंत पहचान लिया कि वह भील कॉलोनी का बच्चा है।

  • रातोंरात अजय की माँ, बन्नो को अस्पताल बुलाया गया।

  • बेटे को मशीनों के सहारे देखकर माँ फूट-फूटकर रो पड़ी।

  • माँ को देखते ही अजय की आँखों में चमक आ गई। लेकिन कमज़ोर आवाज़ में उसने कहा, "माँ, मैं अब नहीं बचूँगा।" यह सुनकर पूरा वार्ड भावुक हो गया।

डॉक्टरों ने बताया कि किडनी खराब होने के बावजूद उम्मीद अभी ज़िंदा है। अजय की हर धड़कन की निगरानी हो रही है। संस्था की सेवा, नर्सों का प्यार और माँ की ममता, ये सब मिलकर एक छोटी सी जान को बचाने में जुटे हैं।

🙏 अजय—इंसानियत का चेहरा 

अजय आज सिर्फ एक बच्चा नहीं, वह इंसानियत का चेहरा बन गया है। यह घटना साबित करती है कि संकट चाहे कितना भी गहरा हो, समाज की सेवा, माँ की ममता और भगवान की कृपा अगर एक साथ मिल जाएँ, तो कोई भी लड़ाई जीती जा सकती है।

दोस्तों, अगर इस मार्मिक कहानी ने आपके दिल को छुआ है, तो अजय के लिए दुआ ज़रूर करें। आज उसे आपकी दुआओं की सबसे ज़्यादा ज़रूरत है।

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